आर्यवार आत्मा के लिए
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प्रश्न - आप आधुनिक और प्राचीन दोनों बाते करते हैं इनका कैसे मैनेज करते ? 27 oct 23 उत्तर - बाकी दिन मुझे समाज का चिंतन (UHO) और UHO के आर्थिक बल ( ai) पर कार्य करना होता है हम सबके दो लक्ष्य है परम लक्ष्य सबका एक है लक्ष्य अलग अलग जीवन अनुसार है परम लक्ष्य, उसको जानना जो सत्य है , अच्छे मनुष्य बनकर इस चक्र से निकलना , मुझे सत्य को धारण करने में जीवन के 15 साल लगे , अभी भी लगता है और सत्य बाकी है, जीवन की सबसे सुंदर घटना है वो अब सब कुछ माटी सा लगता है, काहे का पद, काहे के लोग सब कूरा कर्तकट जोड़ते रहते हैं , माया के भिखारी , दुनिया में जितने धर्म को जानते हैं वो प्रेम निश्छल निस्वार्थ होता है हर जीव से होता है यही भक्ती है यही नीति है यही योग । जो शास्त्रों में लिखा है वह सत्य है कुछ अनुभव , अनुभव उस समय के हो सकते है पर सत्य कितने ही युग पुराना हो बह तो एक ही रहेगा © आचार्य अविनाश ...