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तुम्हारी प्रवृत्ति क्या है ?

प्रकृति में तीन गुण है + सात्विक,   0 राजसिक, - तामसिक  इन्ही आधार पर मानव के 4 कर्म है।  अभी दुनियां में  दुनिया में दो प्रकार के लोग है आध्यात्मिक (0.80%) भौतिक (99.20%) भौतिक लोगों बल, धन,पद स्वार्थ का  सम्मान करते हैं। आध्यात्मिक लोग केवल अच्छे लोगो का सम्मान करते हैं  क्योंकि वह ईश्वर के अंश (सत्य) को देखते हैं और ये ईश्वर के प्रतिनिधि होते है ।  ईश्वर का नाम रूप कुछ भी हो © सत्य और युवा + पंडित अविनाश पाठक के साथ 

व्रत के नियम क्या है | पंडित अविनाश पाठक

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अगर आप व्रत धारण करते है तो उसके नियम जानले वर्ना न करे जैसे सही करने से लाभ है गलत करने के हानि भी  व्रत के नियम व्रत ध्येयम सत्य धरणनाम अस्ति व्रत का उद्देश्य सत्य को धारण करना है, सत्य से ही ईश्वर प्राप्ति होती है और कोई मार्ग नहीं है  ~ नहाकर , व्रत का संकल्प लेने से ही व्रत शुरु होता है  ~ व्रत के समय तामसिक भोजन, विचार व वचन का प्रयोग वर्जित है ( तामसिक भोजन वासी, मांस, वचन - अश्व्द गाली आदि, ) ~ व्रत के दिन , जमीन पर आसानी लगाकर रात्रि में सोना चाहिए ~ व्रत के दिन ,दिन में सोना वर्जित है, ।  ~ भजन ,जप, ध्यान में से एक कोई जरूर करे  व्रत में  ~ केवल एक बार दूध ले ~ एक बार केवल फल ~ एक बार भोजन  या तो दिन में या रात्रि में  इन तीनों में से एक संकल्प के साथ करे  सब खाना व्रत नही...... ~ व्रत सूर्य उदय से अगले सूर्य उदय पर पूर्ण होता है रात्रि के 12 बजे नही  जानकारी होने के वाद भी करने के वाद महापाप है इससे अच्छा है न ही करे, भक्तियोग करे सत्य आचरण करने वाले को सब मिलता है,  कर्म के द्वार तीनों लोक प्राप्त होते है अग...

कौन आशीर्वाद देने लायक है | आचार्य अविनाश

आर्य प्रश्न : कौन आशीर्वाद देने लायक है ? किसके श्राप से डरना चाहिए? आचार्य श्री अविनाश उवाच :-   हे आर्यपुत्रो 🌳🌏🇮🇳 आशीर्वाद केवल ब्रह्म देता पर पर मानव जाति की सामाजिक व्यवस्था है उसमे तीन गुणों में सात्विक गुण का सम्मान है यही ईश्वर की ओर ले जाता है इसी गुण कर्म से ब्राह्मण कर्म बना है ....  जिनका सात्विक भोजन है ,सात्विक शरीर है , दिनचर्या सात्विक जिनके सात्विक विचार है, वाणी सात्विक है  उन्ही के मुख के आशीर्वाद लेने लायक है । उन्ही के मुख से डरना चाहिए पहले ब्राह्मण कर्म ही सात्विक रहता था अब उनमें भी कमी है ..... इस युग में सिद्धि आसान है पर अनुशासन कठिन है।  (बात केवल कर्म की कर रहा हु , कुल की नही)    आचार्य श्री अविनाश © सत्य और युवा Pathak Temple monestery

कलियुग से अच्छा कोई युग नही

कलियुग से अच्छा युग नही है - धर्म आसान सालो तप नहीं बस 3 बार जप या ध्यान करो  - स्वयं को जानना आसान   - आध्यात्मिक जागृति आसान  - ज्ञानयोग  सबसे जरुरी वो भी सुलभ  पर माया का प्रभाव आसान नही  (ब्राह्मण)गुरु की शरण के बिना संभव नही .....

आर्यवार आत्मा के लिए

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प्रश्न - आप आधुनिक और प्राचीन दोनों बाते करते हैं इनका  कैसे मैनेज करते ?  27 oct 23  उत्तर  - बाकी दिन मुझे समाज का चिंतन (UHO) और UHO के आर्थिक बल ( ai) पर कार्य करना होता है  हम सबके दो लक्ष्य है परम लक्ष्य सबका एक है लक्ष्य अलग अलग जीवन अनुसार है  परम लक्ष्य, उसको जानना जो सत्य है , अच्छे मनुष्य बनकर  इस चक्र से निकलना ,  मुझे सत्य को धारण करने में जीवन के 15 साल लगे , अभी भी लगता है और सत्य बाकी है, जीवन की सबसे सुंदर घटना है वो अब सब कुछ माटी सा लगता है,  काहे का पद, काहे के लोग सब कूरा कर्तकट जोड़ते रहते हैं , माया के भिखारी , दुनिया में जितने धर्म को जानते हैं वो  प्रेम निश्छल निस्वार्थ होता है हर जीव से होता है यही भक्ती है यही नीति है यही योग ।  जो शास्त्रों में लिखा है वह सत्य है कुछ अनुभव , अनुभव उस समय के हो सकते है पर सत्य कितने ही युग पुराना हो बह तो एक ही रहेगा                           © आचार्य अविनाश          ...

Family day |Pathak Temple week

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UHO Faimily All life part of the family  🌳🦅🐜🦎🐍🐢🐦🐧🐤🦆🐬🐟🐠🐆🐪🐃🦓🐘🐘🦚🦃🐈🐕🐑🍀🌳🌴🌱🌻🌾🌺🌍 ⛩the Pathak family 📕  Human who can read, kind and honest is pathak and part of pathak Temple faimily  8 billion human is pathak  © truth and youth  movement  with pathak Temple

faith day | Pathak Temple week

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विश्वास दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।  एक ऐसा हफ्ता जो हर उम्र के हर धर्म के मना सकते है।  सत्य पर विश्वास रखो आपके जीवन मे आपका विश्वास ही है जो हर समय साथ देगा। तो युवाओ  सत्य को अपनाओ और विश्वास करो Have faith in truth  Have faith in supreme soul  © Truth and youth Movement with ⛩ Pathak Temple