अगर आप व्रत धारण करते है तो उसके नियम जानले वर्ना न करे जैसे सही करने से लाभ है गलत करने के हानि भी व्रत के नियम व्रत ध्येयम सत्य धरणनाम अस्ति व्रत का उद्देश्य सत्य को धारण करना है, सत्य से ही ईश्वर प्राप्ति होती है और कोई मार्ग नहीं है ~ नहाकर , व्रत का संकल्प लेने से ही व्रत शुरु होता है ~ व्रत के समय तामसिक भोजन, विचार व वचन का प्रयोग वर्जित है ( तामसिक भोजन वासी, मांस, वचन - अश्व्द गाली आदि, ) ~ व्रत के दिन , जमीन पर आसानी लगाकर रात्रि में सोना चाहिए ~ व्रत के दिन ,दिन में सोना वर्जित है, । ~ भजन ,जप, ध्यान में से एक कोई जरूर करे व्रत में ~ केवल एक बार दूध ले ~ एक बार केवल फल ~ एक बार भोजन या तो दिन में या रात्रि में इन तीनों में से एक संकल्प के साथ करे सब खाना व्रत नही...... ~ व्रत सूर्य उदय से अगले सूर्य उदय पर पूर्ण होता है रात्रि के 12 बजे नही जानकारी होने के वाद भी करने के वाद महापाप है इससे अच्छा है न ही करे, भक्तियोग करे सत्य आचरण करने वाले को सब मिलता है, कर्म के द्वार तीनों लोक प्राप्त होते है अग...