सत्य और युवा + with आचार्य अविनाश Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 06, 2023 सत्य और युवा + का उद्देश्य केवल सत्य को उजागर करना है किसी भी maj सवाल © आचार्य अविनाश Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
कौन आशीर्वाद देने लायक है | आचार्य अविनाश December 30, 2023 आर्य प्रश्न : कौन आशीर्वाद देने लायक है ? किसके श्राप से डरना चाहिए? आचार्य श्री अविनाश उवाच :- हे आर्यपुत्रो 🌳🌏🇮🇳 आशीर्वाद केवल ब्रह्म देता पर पर मानव जाति की सामाजिक व्यवस्था है उसमे तीन गुणों में सात्विक गुण का सम्मान है यही ईश्वर की ओर ले जाता है इसी गुण कर्म से ब्राह्मण कर्म बना है .... जिनका सात्विक भोजन है ,सात्विक शरीर है , दिनचर्या सात्विक जिनके सात्विक विचार है, वाणी सात्विक है उन्ही के मुख के आशीर्वाद लेने लायक है । उन्ही के मुख से डरना चाहिए पहले ब्राह्मण कर्म ही सात्विक रहता था अब उनमें भी कमी है ..... इस युग में सिद्धि आसान है पर अनुशासन कठिन है। (बात केवल कर्म की कर रहा हु , कुल की नही) आचार्य श्री अविनाश © सत्य और युवा Pathak Temple monestery Read more
आर्यवार आत्मा के लिए October 28, 2023 प्रश्न - आप आधुनिक और प्राचीन दोनों बाते करते हैं इनका कैसे मैनेज करते ? 27 oct 23 उत्तर - बाकी दिन मुझे समाज का चिंतन (UHO) और UHO के आर्थिक बल ( ai) पर कार्य करना होता है हम सबके दो लक्ष्य है परम लक्ष्य सबका एक है लक्ष्य अलग अलग जीवन अनुसार है परम लक्ष्य, उसको जानना जो सत्य है , अच्छे मनुष्य बनकर इस चक्र से निकलना , मुझे सत्य को धारण करने में जीवन के 15 साल लगे , अभी भी लगता है और सत्य बाकी है, जीवन की सबसे सुंदर घटना है वो अब सब कुछ माटी सा लगता है, काहे का पद, काहे के लोग सब कूरा कर्तकट जोड़ते रहते हैं , माया के भिखारी , दुनिया में जितने धर्म को जानते हैं वो प्रेम निश्छल निस्वार्थ होता है हर जीव से होता है यही भक्ती है यही नीति है यही योग । जो शास्त्रों में लिखा है वह सत्य है कुछ अनुभव , अनुभव उस समय के हो सकते है पर सत्य कितने ही युग पुराना हो बह तो एक ही रहेगा © आचार्य अविनाश ... Read more
तुम्हारी प्रवृत्ति क्या है ? April 18, 2024 प्रकृति में तीन गुण है + सात्विक, 0 राजसिक, - तामसिक इन्ही आधार पर मानव के 4 कर्म है। अभी दुनियां में दुनिया में दो प्रकार के लोग है आध्यात्मिक (0.80%) भौतिक (99.20%) भौतिक लोगों बल, धन,पद स्वार्थ का सम्मान करते हैं। आध्यात्मिक लोग केवल अच्छे लोगो का सम्मान करते हैं क्योंकि वह ईश्वर के अंश (सत्य) को देखते हैं और ये ईश्वर के प्रतिनिधि होते है । ईश्वर का नाम रूप कुछ भी हो © सत्य और युवा + पंडित अविनाश पाठक के साथ Read more
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